नव वर्ष की
शुभकामनाऐं
"सनातन वैदिक नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी
संवत 2080 ( 22 मार्च, 2023)" की आप सभी को सपरिवार बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाऐं। आप सपरिवार सदा सुखी स्वस्थ और समृद्ध जीवन के साथ शतायु हों और सभी के प्रिय बन कर रहें"।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व :
1. इसी दिन आज से 1,97,38,13,124वर्ष पूर्व ईश्वर ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी( सृष्टि संवत, )।
2. इसी दिन आज से 1,96,08,53,123, वर्ष पूर्व इस सृष्टि काल के प्रथम युवा मनुष्यों के जोड़ों ने जन्म लिया था (मानव संवत,)।
3. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था।
4. महाराज युधिष्ठिर का राज्यभिषेक 5158 वर्ष पूर्व इसी दिन हुआ था।
5. 2079 वर्ष पूर्व सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना राज्य स्थापित किया उसी दिन से प्रसिद्ध विक्रमी संवत प्रारंभ हुआ।
6. 148 वर्ष पूर्व स्वामी महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन को आर्य समाज की स्थापना दिवस के रूप में चुना, आर्य समाज वेद प्रचार का महान कार्य करने वाला एकमात्र संगठन है।
7. विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को
परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।
8. राष्ट्रीय स्वयंसेव क के संस्थापक डाॖँ. केशवराव बलिराम हेड गेवार जी का जन्म भी 134 वर्ष पूर्व इसी दिन हुआ था।
वैदिक नववर्ष का प्राकृतिक महत्व
1. बसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है
जो उल्लास उमंग खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है।
2. फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।
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